जोधपुर में SC-ST के 500 वोटर को दूसरे-समाज में दिखाया:आरोप- पटवारी ने रिपोर्ट में दोनों समाज की जनसंख्या बताई शून्य, तहसील कार्यालय पर किया प्रदर्शन
जोधपुर के झंवर पंचायत समिति की नवसृजित ग्राम पंचायत मोतीबा नगर में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से SC-ST का प्रतिनिधित्व ही खत्म कर दिया गया। 75 से 100 घरों के करीब 500 SC-ST समाज को पटवारी की ओर से जातिगत लिस्ट में अन्य समाज में दिखाने का आरोप है। इसके विरोध में मंगलवार को बड़ी संख्या में SC और ST समाज के लोगों ने कुड़ी तहसील के आगे धरना-प्रदर्शन किया। लोगों ने कार्यालय के बाहर नारे लगाए। प्रदर्शन में बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हुईं। 11 वार्डों में करीब 500 वोटर, लेकिन जनसंख्या बताई शून्य यहां आए मांगीलाल ने बताया कि दो बार उन्होंने पंचायत में वोट किया है। हमसे भी पुराने SC-ST के लोग रहते हैं। 75 से 100 घरों की यहां बस्ती है। इसमें लगभग 450 से 500 वोटर हैं। नई ग्राम पंचायतों के जो आंकड़े पेश किए हैं, उनके अंदर मोतीबा नगर के पूरे 11 वार्डों में एससी-एसटी की जनसंख्या शून्य बताई गई है। उन्होंने कहा- ऐसा करने के पीछे का कारण यही है कि सरकार की नई ग्राम पंचायत में जनसंख्या का प्रतिनिधित्व यदि 15 प्रतिशत होता है तो SC-ST को प्रतिनिधित्व मिलता है। उसे ही कम करने की कोशिश की जा रही है। यहां साल 2011 की जनगणना के अनुसार SC ST की जनसंख्या को शून्य बताया गया है। जबकि यहां कई परिवार देश की आजादी के समय से रह रहे हैं। इसको लेकर रिपोर्ट है। पटवारी ने वार्डों का सीमांकन किया तो समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य किया वीरेंद्र प्रताप सिंह पाल ने बताया- लोकतंत्र के अंदर एक समुदाय को ही पूरा हटा दिया गया। पाल ग्राम पंचायत से अलग एक मोतीबा नगर ग्राम पंचायत बनाई गई थी। यहां करीब 300 मेघवाल, भील, गवारिया सहित SC-ST के लोग रहते हैं। यहां पटवारी ने वार्डों का सीमांकन किया तो तहसील के अंदर रिपोर्ट भेजी। इसमें इस समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य बता दिया गया। लोगों ने कहा- वहां एक बड़ी आबादी रह रही है। लोगों के पास वर्ष 1991 की पटवारी की रिपोर्ट है। पिछली सात पीढ़ी से यहां लोग रह रहे हैं। एक महिला रेशमा ने बताया- उनके पूरे परिवार के यहां पंचायत में वोट लगते हैं, लेकिन उनका नाम अब वार्ड में बनाई जातिगत सूची से हटा दिया गया है। जबकि उनका परिवार वर्षों से यहां रह रहा है। मिलीभगत करके नाम हटाने का आरोप लोगों ने कहा- पटवारी भगवाना राम पटेल की जिम्मेदारी थी कि वो यहां रहने वाले लोगों की रिपोर्ट दें, लेकिन उन्होंने जानबूझकर दलित परिवारों का प्रतिनिधित्व समाप्त करने के लिए ऐसा किया। उसने उच्च अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके ऐसा किया। इसे लेकर तहसीलदार को भी ज्ञापन दिया गया। गिरदावर और पटवारी की टीम बनाई कुड़ी तहसीलदार नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है। मौके पर गिरदावर और पटवारी की टीम बनाई गई है। जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा।