सलूंबर में अवैध खनन पर SIT की बैठक:ADM डॉ. सापेला की अध्यक्षता में जीरो टॉलरेंस नीति लागू
सलूंबर जिले में संचालित खनन गतिविधियों की प्रभावी मॉनिटरिंग, अवैध खनन व अवैध खनिज परिवहन पर सख्त नियंत्रण तथा राजस्व संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की महत्वपूर्ण बैठक आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. दिनेश रॉय सापेला की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में खनन नीतियों के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन, अवैध खनन एवं अवैध खनिज परिवहन की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण और राज्य के राजस्व हितों की सुरक्षा के लिए संयुक्त एवं प्रभावी रणनीति तैयार करना रहा। खनिज संपदा राज्य की अमूल्य धरोहर : ADM बैठक के प्रारंभ में खनन विभाग द्वारा जिले में संचालित वैध खनन पट्टों, जारी अनुमतियों, अब तक हुई राजस्व प्राप्ति तथा अवैध खनन से संबंधित गतिविधियों पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सापेला ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि खनिज संपदा राज्य की महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है, जिसका संरक्षण एवं विधिसम्मत उपयोग सुनिश्चित करना प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अवैध खनन और बिना स्वीकृति खनिज परिवहन पर शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति अपनाई जाएगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त टीम द्वारा नियमित निरीक्षण एवं सघन गश्त सभी चेक पोस्टों पर 24×7 वाहन जांच व्यवस्था को सुदृढ़ करना बिना रॉयल्टी चालान एवं अवैध खनिज परिवहन पर तत्काल जब्ती व दंडात्मक कार्रवाई शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु रिस्पॉन्स मैकेनिज्म विकसित करना पर्यावरणीय मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना नियमों का उल्लंघन करने वालों पर आवश्यकता अनुसार एफआईआर दर्ज करने के निर्देश ओवरलोडिंग व राजस्व हानि पर भी मंथन बैठक के दौरान परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोडिंग के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई एवं चालान व्यवस्था की जानकारी साझा की गई। वहीं राजस्व विभाग ने अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों से प्राप्त शिकायतों और इससे होने वाली राजस्व हानि के आंकड़े प्रस्तुत किए। समन्वय से सख्ती, नियमित रिपोर्टिंग अनिवार्य अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्रवाई करें, प्रत्येक कार्रवाई का नियमित रिकॉर्ड संधारित किया जाए, प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर जिला प्रशासन को प्रेषित की जाए।